स्वामी राघवाचार्य के प्रवचन में हनुमन्नाटक के प्रसङ्ग के सन्दर्भानुसार रावण की अच्छाईयों पर निग्रहाचार्य की टिप्पणी का सामयिक औचित्य तथा अविवेकी प्रोफेसरों के द्वारा नकली धर्मगुरु खड़े करने एवं राजनैतिक हिन्दुओं की मूर्खता के विप्लवकारी परिणाम पर निग्रहाचार्य श्रीभागवतानंद गुरु का कथन।
Share OptionsRelated Posts
Furious speech of Nigrahacharya Shri Bhagavatananda Guru over continuous Anti-Hindu activities of Indian Judiciary.
भारतीय न्यायपालिका के निरन्तर हिन्दूविरोधी गतिविधियों के विरुद्ध निग्रहाचार्य श्रीभागवतानंद गुरु का आक्रोशपूर्ण वक्तव्य | Furious speech of Nigrahacharya Shri…
Nigrahacharya opposes Puri Shankaracharya’s statement about Jesus Christ being a Vaishnav
पुरी के शंकराचार्य स्वामिश्री निश्चलानन्द सरस्वती के द्वारा ईसा मसीह को वैष्णव बताने पर निग्रहाचार्य श्रीभागवतानंद गुरु की प्रतिक्रिया Reaction…
क्या भगवान् ब्रह्मा ने अपनी ही पुत्री सरस्वती का बलात्कार किया था ?
क्या भगवान् ब्रह्मदेव ने अपनी ही पुत्री देवी सरस्वती का बलात्कार किया था ? क्या है ब्रह्मा एवं सरस्वती के…
